बाल विकास एवम् शिक्षा शास्त्र:- क्रियात्मक अनुसंधान (action research)

क्रियात्मक अनुसंधान
(Action research)
  • अमेरिका में क्रियात्मक अनुसंधान की धारणा ने जन्म लिया और शिक्षा के क्षेत्र में इसे लागू करने का श्रेय सुविख्यात अमेरिकी शिक्षा शास्त्री स्टीफन एम. कोरे को है।
  • क्रियात्मक अनुसंधान में विद्यालय की प्रतिदिन की समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है जिससे कि विद्यालय में सुधार हो सके।
  • अनुसंधानकर्ता कोई छात्र ना होकर अध्यापक, प्रधानाचार्य, प्रबंधक अथवा निरीक्षक होता है।
  • अनुसंधान एक ऐसी क्रिया है जो विधिवत संपन्न होती है ।इसमें किसी समस्या का सूक्ष्म अध्ययन किया जाता है।

परिभाषाएं
  • एस. एम. कोरे के अनुसार -शिक्षण में क्रियात्मक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रयोग करने वाला अपनी समस्याओं का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन कर अपने कार्यों में सुधार करता है।
  • कार्टर बी गुड के अनुसार-क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों निरीक्षकों और प्रशासकों द्वारा अपने निर्णय और कार्यों की गुणात्मक उन्नति के लिए प्रयोग किया जाने वाला अनुसंधान है।
  • मुनरो के अनुसार-क्रियात्मक अनुसंधान समस्याओं के अध्ययन की एक विधि है जिसमें दिए गए सुझाव आंशिक या पूर्ण रूप से तथ्यों पर आधारित हैं।

क्रियात्मक अनुसंधान के उद्देश्य व प्रयोजन

  • विद्यालय के संगठन और व्यवस्था में परिवर्तन करके सुधार करना।
  • विद्यालय की दैनिक समस्याओं का अध्ययन और समाधान करके उसकी प्रगति में योगदान देना।
  • विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों आदि को उनके दोषों से अवगत कराकर उन्नति को संभव बनाना।
  • विद्यालय के प्रधानाचार्य, प्रबंधक ,निरीक्षक और अध्यापकों को अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्व के प्रति जागरूक बनाना ।
  • विद्यालय के संगठन एवं व्यवस्था में परिवर्तन करने के लिए उपाय बताना।
  • विद्यालय की क्रियाओं की उन्नति करने के लिए समय-समय पर क्रियात्मक अनुसंधान के लिए प्रेरित करना।
  • संपूर्ण विद्यालयी प्रक्रियाओं को प्रभावशाली बनाना।
  • परंपरागत तथा रूढ़िवादिता का खंडन करना।
  • विद्यालय से संबंधित व्यक्तियों को अपनी समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करके अपनी विधियों को उत्तम बनाने का अवसर देना।


क्रियात्मक अनुसंधान की समस्याएं-:

बाल व्यवहार संबंधित समस्याएं-
चोरी करना, शरारत करना, शोर मचाना, झगड़ा करना, आदि।

शिक्षण संबंधीत समस्याएं-
पढ़ने में रुचि ने लेना, गृह कार्य समय पर ना करना ,अशुद्ध उच्चारण करना आदि।

परीक्षा से संबंधित समस्याएं
परीक्षा प्रणाली का विश्वसनीय व प्रमाणित व वस्तुनिष्ठ न होना परीक्षा व शिक्षण में समन्वय ना होना आदि।

विद्यालय संगठन व प्रशासन से संबंधित समस्याएं-
पर्याप्त कक्षा कक्ष का अभाव, स्थान व फर्नीचर का अभाव, वाचनालय का अभाव आदि।

पाठयांतर क्रियाओं से संबंधित समस्याएं- 
पाठयांतर क्रियाओं के लिए पर्याप्त साधन न होना ,इन क्रियाओं को विद्यालय के लिए भार समझा जाना, इन क्रियाओं के प्रति शिक्षकों का उदासीन रहना आदि।


क्रियात्मक अनुसंधान के सोपान
  • समस्या का चयन।
  • कार्य के लिए प्रस्तावों पर विचार विमर्श।
  • योजना का चयन हो उपकल्पना का निर्माण
  • तथ्यों का संकलन।
  • तथ्यों पर आधारित निष्कर्ष।
  • उपकल्पना ओं का सांख्यिकी सत्यापन
  • दूसरों को परिणाम की सूचना



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