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Showing posts from November, 2019

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र -: बाल मनोविज्ञान परिचय

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व्यक्तित्व , व्यक्तित्व की परिभाषाएं , प्रभावित करने वाले कारक, व्यक्तित्व का मापन, व्यक्तित्व के प्रकार बाल मनोविज्ञान: बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Child psychology: child development and pedagogy) मनोविज्ञान का अर्थ:- मनोविज्ञान व्यवहार तथा मानसिक प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है। मनोविज्ञान को अंग्रेजी में psychology कहते हैं। साइकोलॉजी शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के 2 शब्द ' साईकी ' (psyche) तथा लोगस logus शब्द से हुई है। साइकी शब्द का अर्थ है आत्मा तथा logus शब्द का अर्थ है अध्ययन (study) । अतः सायकोलॉजी का शाब्दिक अर्थ है- आत्मा का अध्ययन। मनोविज्ञान का प्रारंभ अरस्तु के समय में दर्शनशास्त्र की एक शाखा के रूप में अनेक शताब्दियों पूर्व हुआ।मनोवैज्ञानिकों के प्रयत्नों से धीरे-धीरे यह दर्शनशास्त्र से पृथक होकर एक स्वतंत्र विषय के रूप में उभर कर सामने आया । मनोविज्ञान दर्शनशास्त्र से अलग होने के प्रयास में इसमें अनेक बार परिवर्तन हुए । यह क्रमशः निम्नांकित शिक्षकों में दी हुई विवेचना से स्पष्ट हो जाता है। नोविज्ञान-आत्मा का विज्ञान -: Plato , अरस्तु...

बाल विकास एवम् शिक्षा शास्त्र:- क्रियात्मक अनुसंधान (action research)

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व्यक्तित्व , व्यक्तित्व की परिभाषाएं , प्रभावित करने वाले कारक, व्यक्तित्व का मापन, व्यक्तित्व के प्रकार Right to education act 2009 के महत्वपूर्ण notes के लिए यहां क्लिक करें। NCF  2005 के महत्वपूर्ण notes के लिए यहां click करें CCE के नोट्स के लिए यहां click करें। क्रियात्मक अनुसंधान (Action research ) अमेरिका में क्रियात्मक अनुसंधान की धारणा ने जन्म लिया और शिक्षा के क्षेत्र में इसे लागू करने का श्रेय सुविख्यात अमेरिकी शिक्षा शास्त्री स्टीफन एम. कोरे को है। क्रियात्मक अनुसंधान में विद्यालय की प्रतिदिन की समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है जिससे कि विद्यालय में सुधार हो सके। अनुसंधानकर्ता कोई छात्र ना होकर अध्यापक, प्रधानाचार्य, प्रबंधक अथवा निरीक्षक होता है। अनुसंधान एक ऐसी क्रिया है जो विधिवत संपन्न होती है ।इसमें किसी समस्या का सूक्ष्म अध्ययन किया जाता है। परिभाषाएं एस. एम. कोरे के अनुसार -शिक्षण में क्रियात्मक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रयोग करने वाला अपनी समस्याओं का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन कर अपने कार्यों में सुधार...

बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र :- सतत एवं समग्र मूल्यांकन CCE

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व्यक्तित्व , व्यक्तित्व की परिभाषाएं , प्रभावित करने वाले कारक, व्यक्तित्व का मापन, व्यक्तित्व के प्रकार सतत एवं समग्र मूल्यांकन CCE (Continuous and comprehensive evaluation) CCE की सबसे पहले सिफारिश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के द्वारा की गई थी तथा लागू NCF 2005 के द्वारा लागू किया गया । सर्वप्रथम गीता भुक्कल समिती ने 2009 में CCE कक्षा 9 में तथा 2010- 11, में कक्षा 10 में अपनाने पर बल दिया। सीबीएसई ने 2010 -11 में कक्षा 9 तथा 10 में cce प्रणाली अर्थात सतत एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली को लागू किया सीबीएसई ने स्पष्ट संदेश दिया कि मूल्यांकन करते समय विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखा जाना चाहिए। सतत एवं समग्र मूल्यांकन का "समग्र" शब्द बच्चे के व्यक्तित्व  का सर्वांगीण विकास के निर्धारण का ध्यान रखता है इसमें विद्यार्थियों के विकास के शैक्षिक और सह शैक्षिक पहलुओं का निर्धारण शामिल है। शैक्षिक पहलू अर्थात पाठ्यक्रम सहशेक्षिक अर्थात जीवन - कौशल , अभिवृतियो , और मूल्य शामिल है CCE में शैक्षिक एवं सहशेक्षिक पहलुओं का ध्यान रखा जाता है। यदि कोई किसी ...

बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र :- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 (National curriculum framework 2005) Ncf 2005

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राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 (National curriculum framework 2005) Ncf 2005 शिक्षण अधिगम प्रक्रिया मुख्य रूप से पाठ्यक्रम पर निर्भर करती हैं। वास्तविक रूप से पाठ्यक्रम ही वह साधन हैं जो कि अध्यापक तथा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करता है। करिकुलम शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के currere शब्द से हुई है जिसका अर्थ है - दौड़ का मैदान । पाठ्यक्रम दौड़ का मैदान है जिस पर बालक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दौड़ता है राष्ट्रीय पाठ्यचर्या दस्तावेज का प्रारम्भ प्रसिद्द शिक्षा शास्त्री, नोबेल पुरस्कार विजेता रबीन्द्रनाथ टैगोर के निबन्ध- सभ्यता और प्रकृति के एक उद्दरण से हुआ है रूपरेखा प्रोफेसर यशपाल के नेतृत्व में तैयार की गई है। Ncf- 2005 की स्वीकति CABE (Central advisory board of education) द्वारा दी गई। Ncf -2005 का निर्माण मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में किया गया। Ncf 2005 का निर्माण ncert (national council of education research and training) द्वारा किया गया जो समय समय पर ncf की समीक्षा करती हैं। Ncf 2005 के अन्तर्गत 5 अध्याय स...

बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र :- Right To Education Act 2009

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009  व्यक्तित्व , व्यक्तित्व की परिभाषाएं , प्रभावित करने वाले कारक, व्यक्तित्व का मापन, व्यक्तित्व के प्रकार 12 दिसम्बर 2002  को भारत के संविधान में 86  वा  संशोधन किया गया और उसमे अनु. 21A  को जोड़ा गया।  अनु. 21A के तहत शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया गया।  26 aug 2009 को प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हस्ताक्षर से शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने का अधिनियम बन गया।  1 अप्रैल 2010 को जम्मू कश्मीर व राजस्थान को छोड़ कर यह अधिनियम सम्पूर्ण भारत में लागु हो गया।  राजस्थान सरकार ने धारा 38 का लाभ उठाते हुए 29 मार्च 2011 को R.T.E ACT में संशोधन करते हुए       1 अप्रैल 2011 को लागु करवाया।  भारत विश्व के उन 135 देशो में शामिल हो गया है जहाँ शिक्षा का अधिकार लागु है. अनु. 45 के तहत 3-6 वर्ष तक के बालक बालिकाओ को राज्य सरकारो के द्वारा पूर्वप्राथमिक शिक्षा देने की बात कही गयी है जिसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र बनाये जायेंगे।   आंगनबाड़ी शब्द फ्रोबेल के किंडरगार...